कठिन कर्म से, दुविधा की बेड़ियां करती है। कठिन कर्म से, दुविधा की बेड़ियां करती है।
पौ फटने के पहले जगता, वह है सच्चा किसान। पौ फटने के पहले जगता, वह है सच्चा किसान।
चलना-जाना अकेले हर पल, जग मेला निर्जन, बंजर, हर भाव से खाली है चलना-जाना अकेले हर पल, जग मेला निर्जन, बंजर, हर भाव से खाली है
नन्हे से कदम है मेरे। नन्हे से कदम है मेरे।
अडिग रहा जीवन में वो, पथ से कभी न विमुख हुआ। अडिग रहा जीवन में वो, पथ से कभी न विमुख हुआ।
जीत जाऊँगा जंग सभी साथ गर तेरा मेरा बल। जीत जाऊँगा जंग सभी साथ गर तेरा मेरा बल।